डोली भूमि पर खातेदारी के अधिकार वापस दिये जाने की मांग
जब-जब पुजारी बोला है, राज सिंहासन डोला है, डोली की भूमि हमारी है, पुजारियों की मांगे पूरी करो वर्ना कुर्सी छोड़ दो............. जैसे नारे लिखी तख्तियों एवं बेनर हाथों में थामें जिले भर के पुजारी सोमवार को शहर की सड़कों पर नजर आये । मन्दिर की डोली भूमि से पुजारी काष्तकारों के नाम विलोपित किये जाने के विरोध में समस्त पुजारी समाज के सदस्यों ने अनूठा प्रदर्षन किया राजस्थान के पुजारी काष्तकारों ने डोली भूमि पर खातेदारी के अधिकार वापस दिये जाने की मांग को लेकर आंदोलन का शंखनाद करते हुए मुख्यमन्त्री के नाम जिला कलेक्टर, जोधपुर को ज्ञापन सौपा ।
काकाणी मठ के महन्त ओमकार गिरी, सरमठ के महन्त पदम भारती, महासभा के प्रदेषाध्यक्ष खेमदास वैष्णव, उपाध्यक्ष भलदास वैष्णव, भारतीय जनता युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष घनष्याम वैष्णव, महासभा जोधपुर जिलाध्यक्ष ओम प्रकाष वैष्णव (तिंवरी), महासभा के महासचिव श्रवण वैष्णव (खदाव), वैष्णव समाज संस्थान, जोधपुर के अध्यक्ष डाॅ धनदास वैष्णव, वैष्णव अधिकारी कर्मचारी संघ के सचिव सुनिल एच. वैष्णव, अशोक भारती, रामचन्द्र खदाव, रामकिषन रलिया, रामचन्द्र रांकावत, पोकरदास, सुगनदास वैष्णव, सुन्दर दास वैष्णव लोरडी, धनराज वैष्णव, एडवोकेट एवं एन.डी.निम्बावत, एडवोकेट इत्यादि पुजारी वर्ग के साद, सन्त, वैरागी, स्वामी, वैष्णव, रांकावत, धनावंषी, गोस्वामी, गुसाई, नाथ, बाबा, दसनामी, सेवक, श्रीमाली, परासर, पुरोहित, ब्राह्मण इत्यादि के उपरोक्त प्रमुखगण के नेतृत्व में सोजती गेट नई सड़क राजीव गांधी सर्कल पर सैकड़ो की संख्या में एकत्र होकर वहां से शंख, ढोल, नगाडे एवं गन्टियां बजाते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे ।
जोधपुर के जिला कलेक्टर सिद्वार्थ महाजन को मुख्यमन्त्री के नाम ज्ञापन सौपते हुए ज्ञापन में अंकित सरकार द्वारा आवाप्त मन्दिर डोली की भूमि का उचित मुआवजा उस मन्दिर के पुजारी को दिये जाने, मन्दिर की भूमि से बेदखल किये गये पुजारियों को पुनः भूमि दिये जाने, काष्त के लिए अन्य भूमि निःशुल्क आंवटित किये जाने, ऐसे मन्दिर जिनकी नामात्र की आय है उनको आर्थिक सहायता दिये जाने, जो मन्दिर देवस्थान विभाग के अधीन है वहां के पुजारियों को नामात्र का वेतन दिया जा रहा है उनके वेतन में वृद्वि करने जैसी अपनी प्रमुख मांगों को विस्तार से समझाते हुए, इन मांगों को शीघ्र पूर्ण करने का अनुरोध किया और इन मांगों के नहीं माने जाने पर प्रदेष स्तर पर आंदोलन को और ज्यादा तेज करने का अल्टीमेटम भी दिया ।
महासभा के आव्हान पर सम्पूर्ण राजस्थान के सभी जिला मुख्यालयों पर इस प्रकार के सैकड़ों की तादाद में पुजारी वर्ग द्वारा प्रदर्षन किया गया ।