दादू पंथ

श्री दादू जी का जन्म अहमदाबाद (गुजरात) नगर मंे फागुन सुदी अष्टमी संवत् 1601 को ब्राह्मण कुल में हुआ था, ये पूर्व जन्म में योगी थे इसलिए कहते है कि 11 वर्ष की उम्र में परम पुरूष ने बूढे़ साधू के भेष में दर्षन दिए और लोक कल्याण करने के लिए उपदेष दिया । इसके बाद आपने घरबार छोड़ कर सन्यास ले लिया ।

श्री दादू जी किसी आश्रम अथवा गुरू के पास षिक्षा अध्ययन करने नहीं गए, फिर भी उन्हें कई भाषाओं की जानकारी थी । दादू जी राम को अपना उपास्य देव मानते थे व कबीरदास जी व रेदास जी की वाणियों से बहुत प्रभावित हुए और निर्गुण ब्रह्म को मानते थे तथा प्रतिमा स्थापित नहीं करते थे । आप काफी समय तक गुजरात व राजस्थान के कई स्थानों पर घूमते फिरते उपदेष देते रहे, और अन्त में जयपुर के पास नरेना गांव आए और यहीं पर अपना स्थान बना लिया । यहां पर इनका विषाल मठ आज भी स्थित हैं यहीं से आपने अपना स्वतन्त्र पंथ चलाया । यही दादू पथियों का मुख्य तीर्थ है ।

दादू जी ज्यादा पढ़े लिखे नहीं होने के कारण, इनका कोई ग्रन्थ उपलब्ध नहीं है, लेकिन इनकी वाणियां मठ में उपलब्ध है । दादू पंथी निहंग रहते है व इनके भक्त निहंग व गृहस्थी दोनों तरह के है । दादू जी ने 52 प्रसिद्व अखाड़ों का गठन किया । कंुम्भ के मेले में ये अखाडे़ दुधाधारी निर्मोही अनी के साथ कुंम्भ स्नान करते है ।

दादू जी नरेना के मठ में संवत् 1660 में इस नष्वर शरीर को छोड़ अनन्त में विलीन हो गए । इसी उपलक्ष में प्रतिवर्ष फागुन सुदी 4 (चैथ) से 9 दिन तक भारी मेला नरेना में लगता है जिसमें हजारों दादू जी के भक्त सम्मिलित होते है व वहां दादू जी के उठने बैठने के स्थान, कपड़े, पोथियां की पूजा होती है वह गुरू को ही सर्वेसर्वा मानते है । (कल्याण योग अंक पृष्ठ 818)

राजस्थान व गुजरात में दादू पंथी गृहस्थ व निहंग अच्छी संख्या में रहते है व अपने आपकेा दादू पंथी साद कहते है व गुरू की महिमा गाते है इनकी वाणी से स्पष्ट होता है कि ये वैष्णव सम्प्रदाय के निर्गुण उपासक है ।

वाणी -

सब ही ग्यानी पंडिता, सुसर रहे उरझाई ।
दादू गति गोवन्दि की, वन्यौंही ीपरव न जाय ।।
साहिब मिलया तब सब मिले, भेंट भेंटा होई ।
साहिब रहया तब सब रहे, नहीं तो नहीं कोई ।।

संकलनकर्ता

हरी दास निम्बार्क
53, राजा राम नगर, पूंजला, जोधपुर

Jayat Ram Ji Mahara

Sundardas ji

Sundar Das Ji (Chote)

Dadu Dhaam - Amer (Opp. Amer Fort, Rajasthan)

Dadu Dhaam - Bharaina (Near Jaipur, Rajasthan)

Dadu Dhaam - Kardala (Near Jaipur, Rajasthan)

Dadu Dhaam - Naraina (Near Jaipur, Rajasthan)

Dadu Dhaam - Sambhar (near Sambhar Salt Lake)

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