सनातन्त संस्कृति का पर्याय भगवान श्री राम का चरित्र, विश्व संस्कृति का आधार एवं वेदो से अनुप्रमाणित स्मृति पुराण न केवल भारत बल्कि विश्व के युग निर्माण का प्रतीत है ऐसे भगवान श्री राम का सम्पूर्ण जीवन चरित्र को परिदृश्य करने वाला अनूठा एवं अद्वितीय श्रीराम मन्दिर का निर्माण श्री राम की परम्परा के रामानन्द सम्पदाय के स्वामी रामनरेशाचार्य श्रीमठ पंचगंगा काशी, (वाराणसी) के सानिध्य में चार धामों में सुप्रतिष्ठ ब्रदीधाम के द्वार भूत हरिद्वार में निर्मित हो रहा है ।
इस अद्वितीय श्री राम मन्दिर के निर्माण का शिल्यान्यास दिनांक 18 नवम्बर 2005 को जगतगुरू मध्वाचार्य स्वामी विश्वेशतीर्थ जी महाराज उडड्पी कर्नाटक के कर कमलो द्वारा स्वामी श्री रामनरेशाचार्य आजीवन संस्थापक अध्यक्ष जगद्गुरू रामानन्दाचार्य स्मारक सेवान्यास (पंजीयन संख्या 192/2001 दिनांक 19.06.2001) के सानिध्य में भूमि पूजन के साथ सैकडो राष्ट्रीय स्तर के संतो, मठाधीशों, भक्तों एवं विद्वानों की उपस्थिति में किया गया जो निर्माण निरन्तर तेजी से चल रहा है
भूतल, प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय तल का निर्माण जोधपुर पत्थर द्वारा किया जा रहा है जिसमें ग्राऊण्ड में श्रीराम, लक्ष्मण व श्री जानकी जी की बैठी हुई प्रतिमायें होगी । फस्र्ट फ्लोर में भगवान श्रीरामचन्द्रजी की चैबीस अवतार रहेंगे और सेकेण्ड फ्लोर में श्रीरामचन्द्र जी के जीवन चरित्र का पट्टचित्र बनेगा, जो भगवान श्रीराम के जन्म से लेकर पूर्ण जीवन रचना रहेगी ।
N.D.Nimbawat,
Gaurav Nimbawat
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