
सलुम्बर (उदयपुर)
अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ, मुम्बई के पूर्व महासचिव एवं वैष्णव सेवक मासिक पत्रिका के प्रधान सम्पादक श्री सत्यनारायण ‘तरूण‘ का दिनांक 19 जुलाई 2012 को सलुम्बर में आकस्मिक निधन के समाचार से सम्पूर्ण वैष्णव समाज में शोक की लहर फैल गई । 82 वर्षीय श्री तरूण साहब के इस प्रकार आकस्मिक निधन के बारे में तो कोई सोच भी नहीं सकता था क्योंकि वे उम्र के इस पड़ाव पर भी किसी युवा से कम नहीं लगते थे, उनके वैष्णव समाज के लिए कार्य करने का जो जूनून था वह देखते ही बनता था ।
वर्ष 1982 में जब प्रथम बार उनको सेवा संघ के महासचिव का भार सौंपा गया था तब से लेकर उज्जैन सम्मेलन वर्ष 2006 तक का सेवा संघ के महासचिव के पद पर रहते हुए समाज सेवा का जो सफर श्री तरूण साहब ने तय किया वह एक मिसाल है। शान्त एवं सरल स्वभाव के व्यक्तित्व ने उन्हें सबका प्रिय बना रखा था कभी भी उनका किसी भी व्यक्ति से विवाद नहीं रहा और सेवा संघ को मजबूती प्रदान करने तथा सेवा संघ के रेकर्ड को समुचित तरीके से सुरक्षित रखने में जो भूमिका श्री तरूण साहब ने निभाई है वह सेवा संघ के लिए नींव के पत्थर के सम्मान है।
वैष्णव समाज की सबसे समस्या डोली भूमि/माफी भूमि के लिए जिस तरह से श्री तरूण साहब ने प्रयास कर रेकर्ड संजोये उनके अच्छे परिणाम निकट भविष्य में अवश्य निकलने वाले है उनके ऐसे सथक प्रयासों की बदोलत ही अभी हाल ही में सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री यू.के.स्वामी ने उन्हें डोली भूमि की समस्याओं के समाधान हेतु बनाई गई समिति का अध्यक्ष बनाया था और इसी सिलसिले में श्री तरूण साहब एक माह पूर्व माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में कार्यवाही के संदर्भ में जोधपुर आकर यहां काफी लोगों से सलाह मशविरा किया था कहने का तात्पर्य यह है कि इस उम्र में भी समाज सेवा के उनके भाव कम नहीं हुए थे जो वैष्णव समाज के लिए निष्चित रूप से प्रेरणा दायक है ।
श्री तरूण साहब ने वैष्णव सेवक मासिक पत्रिका के प्रधान सम्पादक के पद पर रहते हुए पत्रकारिता की जिस गरीमा को कायम रखा वह वैष्णव सेवक के सम्पादक मण्डल के साथ - साथ वैष्णव समाज की विभिन्न स्थानों से प्रकाषित होने वाली सामाजिक पत्रिकाओं के लिए प्ररेणा द्योतक है ।
मेरा श्री तरूण साहब से बहुत लम्बे अरसे तक साथ रहा है क्योंकि जब वे सेवा संघ के महासचिव थे तब मैं सेवा संघ की राजस्थान प्रदेष की शाखा का सचिव था और वे जब भी जोधपुर आते मेरे से अवष्य मिलते । उनके मिलनसार स्वभाव के कारण उनके इस प्रकार आकस्मिक निधन पर सलुम्बर में, डंूगरगढ़, बांसवाड़ा, चितौड़गढ़, प्रतापगढ़, उदयपुर जिलों से सैंकड़ो समाज बन्धु ने उपस्थित होकर दिनांक 20.07.2012 को दाहसंस्कार में भाग लिया एवं श्रद्धांजलि दी उदयपुर से श्री भगवान वैष्णव, श्री रामदास बैरागी, श्री पुरूषोत्तम बैरागी, श्री रामेष्वर लाल वैष्णव एडवोकेट सहित अनेको समाज बन्धुओं ने अपनी भावभीनि शोक संवदेना व्यक्त की इस अवसर पर सलुम्बर के विभिन्न विभागों के प्रषासनिक अधिकारी भी उपस्थित रहे।
श्री तरूण साहब का एक भरा पुरा परिवार है जिसमें उनकी पत्नी पुत्र राजकुमार वैष्णव एवं तीन शादी सुदा पुत्रियां, पौत्र, पौत्रियां है ।
श्री तरूण साहब के निधन से वैष्णव समाज को जो अपूर्णीय क्षति हुई है उसकी भर पाई किसी भी रूप में नहीं हो पायेगी और बरसों तक ऐसे समाज सेवा पुरूष अपनी सेवाओं के लिए बार-बार याद किये जायेंगे ।
वैष्णव वेबसाईट परिवार श्री सत्यनारायण ‘तरूण‘ की आत्मा की शान्ति के लिए ईष्वर से प्रार्थना करता है ।
एन.डी.निम्बावत, एडवोकेट