जोधपुर दिनांक 20 मई 2012
अखिल राजस्थान पुजारी महासभा मुख्यालय, जोधपुर के आव्हान पर राजस्थान प्रदेष के सभी जिला मुख्यालयों पर दिनांक 21 मई 2012 को एक विषाल धरना प्रदर्षन का आयोजन किया जा रहा है । महासभा के प्रदेष अध्यक्ष खेमदास वैष्णव ने वैष्णव वेब साईट को जानकारी देते हुए बताया कि समस्त राजस्थान के मन्दिरों की कृषि भूमि (डोली की भूमि/ माफी की भूमि) के सम्बन्ध में दिनांक 13 दिसम्बर 1991 को तत्कालीन राज्य सरकार ने पुजारियों के नाम जमाबन्दी से पूर्ण रूपेण विलोपित कर पुजारी वर्ग के नैसर्गिक अधिकारों पर जो कुठाराघात किया और जिसके कारण पुजारी वर्ग के साथ जो अन्याय हुआ उसके विरूद्ध वर्षो से सघर्ष कर रहे पुजारी वर्ग पर उस समय और वज्रपात्र हो गया जब दिनांक 27 मई 2002 को राज्य सरकार मन्दिर डोली भूमि को प्रतिवर्ष कास्त हेतु निलाम करने के लिए सरकारी समिति का गठन कर पुजारियों के सभी तरह के अधिकार समाप्त कर दिये इससे इन पुजारी वर्ग के परिवार के सामने विषम संकट पैदा हो गया पुजारी वर्ग के परिवार वालों के लिए पेट भरना मुष्किल हो गया क्योंकि उनकी आजीविका का एक मात्र साधन यह मन्दिर की डोली की कृषि भूमि ही है ।
इन सरकारी आदेषों के विरूद्ध कुछ पुजारीगण न्यायालय में भी गये एवं सरकार को ज्ञापन भी दिये लेकिन अल्प ज्ञान एवं सही मार्ग दर्शन ना होने के कारण इसका कोई लाभ नहीं मिला और पुजारी लोग भटकते रहे आखिरकार दिनांक 08.08.2010 को अखिल राजस्थान पुजारी महासभा का गठन किया गया और पुजारी महा सभा ने सर्व प्रथम राजस्थान के विभिन्न जिलों में दौरे कर प्रदेष स्तर पर पुजारियों को सगंठित किये जाने का प्रयास किया जिसमें जबरदस्त सफलता मिली साथ ही साथ पुजारियों की इस विकट समस्या के लिए माननीय मुख्य मन्त्री राजस्थान सरकार श्री अषोक गहलोत से भी सम्पर्क कर ज्ञापन देकर इस समस्या को उजागर किया लेकिन पुजारी महासभा को कोई सन्तोष जनक समाधान का आष्वासन तक नहीं मिला है अब पुजारी महासभा ने प्रदेष स्तर पर पुजारियों के हितार्थ आर-पार की लड़ाई लड़ने का मानस बना लिया है और इसके लिए दिनांक 21 मई 2012 को राजस्थान प्रदेष के जिला मुख्यालयों पर एक साथ विषाल धरना प्रदर्षन का आयोजन किया जा रहा है जिसके माध्यम से सरकार को इन पुजारियों की समस्या के समाधान हेतु विचार करने पर मजबूर किया जायेगा ।
महासभा के उपाध्यक्ष भलदास वैष्णव (बोरानाड़ा) ने बताया कि दिनांक 21 मई 2012 को वैष्णव, साद, सन्त, बैरागी, स्वामी, रांकावत, धनावंषी, गोस्वामी, नाथ, गुसांई, श्रीमाली, ब्राह्मण, सेवक, पाराशर इत्यादि विभिन्न प्रकार की जातियों के पुजारियों का इस धरना प्रदर्षन में सैकड़ों की तादाद में सम्मिलित होने की संभावना है । महासभा के प्रदेष महासचिव श्रवण वैष्णव (खदाव), पदम भारती, रामाकिषन रलिया, नन्दकिषोर रांकावत, ओमदास वैष्णव तिंवरी, पीपलदास वैष्णव, अषोक भारती इत्यादि ने संयुक्त रूप से सभी पुजारियों को महासभा के बेनर तले इस धरना प्रदर्षन में सम्मिलित होने का आव्हान किया है ।